उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET-2021) के अब जुलाई माह में होने की सम्भावना बनती दिखाई दे रही है. परीक्षा संस्था को तीसरी बार प्रस्ताव भेजना होगा. इसकी वजह है कि विशेष सचिव आर. वी. सिंह ने हाल के शासनादेश में लिखा है कि एडेड कॉलेजों में भर्ती के बाद पात्रता परीक्षा कराई जाएगी. यह भर्ती मई में पूरी हो रही है, ऐसे में यूपी टीईटी जुलाई या उसके बाद ही हो पाने की उम्मीद है. परीक्षा संस्था अब तक दो बार प्रस्ताव भेज चुकी है लेकिन, शासन ने अब तक आदेश नहीं दिया है. जबकि सरकार पात्रता परीक्षा कराने की अनुमति दे चुकी है.
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक चयन के लिए यूपी टीईटी (UPTET) का होना जरूरी है. परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने दिसंबर 2020 में ही प्रस्ताव भेजा था, जिस पर पहली बार 28 दिसंबर से 28 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन व 28 फरवरी को परीक्षा कराने की तैयारी थी लेकिन, प्रस्ताव पर मुहर नहीं लग सकी. तब एनआइसी, शासन व परीक्षा संस्था की बैठक हुई. इसमें आवेदन जनवरी के मध्य में शुरू होने पर सहमति बनी और इसके बाद परीक्षा संस्था से संशोधित प्रस्ताव मांगा गया था.
परीक्षा संस्था ने 30 दिसंबर को ही नया प्रस्ताव भेज दिया था, परन्तु उसमें ऑनलाइन आवेदन 12 जनवरी से और परीक्षा सात मार्च को कराने की तिथि प्रस्तावित थी. शासन में मंथन के बीच दूसरे प्रस्ताव की समय सारिणी बीत चुकी है.
इसी बीच प्रदेश में पंचायत चुनाव व यूपी बोर्ड परीक्षाएं होनी है इससे यह परीक्षा अधर में लटक चुकी है. परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि शासन ने एडेड भर्ती के बाद परीक्षा कराने का निर्देश दिया है. इसका अनुपालन भर्ती प्रक्रिया के पूरा होते ही किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रति वर्ष आयोजित की जाती है. बीएड डिग्रीधारी उम्मीदवार यदि शिक्षक की सरकारी नौकरी पाने की इच्छा रखते हैं उन्हें यूपीटीईटी की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी. उत्तर प्रदेश टीईटी 2021 में उत्तीर्ण होने के लिए अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को न्यूनतम 90 अंक प्राप्त करना आवश्यक है. आरक्षित वर्ग के उमीदवारों के लिए छूट का भी प्रावधान है.
अभिभावकों पर अपने बच्चों को स्कूल भेजने का अभी कोई दबाव नहीं : मंत्री
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी रविवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के दीक्षा भवन में पहुंचे थे, यहां पर उन्होंने कहा कि कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए सोमवार से विद्यालयों को खोला जाएगा. पहले की तरह ही हर दिन मात्र 50 प्रतिशत बच्चों को ही स्कूल बुलाया जाएगा.
बता दें कि वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (A.B.V.P.) के स्वयंसिद्ध कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेने पहुंचे हुए थे.
शिक्षा मन्त्री ने कहा कि विद्यालय आने के दौरान कोरोना गाइड लाइन का पालन होना चाहिए. कोविड-19 के दिशा-निर्देश के अनुसार स्कूलों में पर्याप्त मात्रा में सैनिटाइजेशन, मास्क और अन्य सावधानियों को ध्यान में रखते हुए ही बच्चों को स्कूल में भेजा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि अभिभावकों के ऊपर बच्चों को स्कूल भेजने का कोई दबाव नहीं होगा. जो अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं, वे स्वेच्छा से भेज सकते हैं और वही बच्चे स्कूल आएंगे.


